स्वर्गद्धार सेवा समिति जिसे (एस.एस.एस) के नाम से जाना जाता है, यह एक गैर-लाभकारी गैर-राजनीतिक जन कल्याण संस्था है, जो सोसायटी पंजीकरण अधिनियम १८६० के तहत पंजीकृत है। पुरी स्वर्गद्धार को बेहतर बुनियादी ढांचा, उत्तम प्रशासनिक ब्यबस्था ओर बाधारहित सेबा प्रदान करने के उद्देश्य से स्थापित किया गया है। जिलापाल-सह-जिला मजिस्ट्रेट, पुरी स्वर्गद्धार सेवा समिति के पदेन अध्यक्ष के रूप में कार्य करते हैं और उप-जिलापाल, पुरी स्वर्गद्धार सेवा समिति के संयोजक-सचिव के रूप में कार्य करते हैं। इसके अलावा, अन्य लाइन विभाग के अधिकारियों के साथ, विभिन्न क्षेत्रों के तीन नामांकित नागरिक समाज के प्रतिनिधियों को (एस.एस.एस) संस्ता के सदस्यों के रूप में चुना जाते है।
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, पुरी स्वर्गद्धार को प्राचीन काल से लाखों हिंदुओं द्धारा स्वर्ग का प्रवेश द्धार माना जाता है और अंतिम विश्राम के लिए एक गरिमामय और पवित्र स्थान माना जाता है। इस धार्मिक आस्था और भावना को ध्यान में रखते हुए, ओडिशा सरकार ने स्वर्गद्धार के माहौल को बेहतर बनाने और स्वर्गद्धार में परिजन द्वारा लाये गये शवों का परेशानी मुक्त दाह संस्कार सुनिश्चित करने औरा अच्छे सेबा प्रदान करने का निर्णय लिये है। इस उद्देश्य के लिए,स्वर्गद्धार सेबा समिति(एस.एस.एस) का गठन किया गया है। जो सामाजिक पंजीकरण अधिनियम १८६० के तहत रजिस्टर हे। इस संस्ता का मूल लक्ष्य है इस पबित्र स्थान का पबित्रता को बरकरार रखते हुए सब दाह के लिए आने वाले प्रियजनों को हिन्दू रीती निति के अनुसार सारे सुबिधाये मिल सके। इस लख्य से स्वर्गद्धार सेबा समिति स्वर्गद्धार सेबा केंद्र के माध्यम से एकल खिड़की की ब्यबस्था की हे।